New Rules from 1 January एटीएम से पैसा निकालना होगा महंगा, डाकघर को भी देना होगा ज्यादा चार्ज : साल 2021 खत्म हो रहा है और नया साल 2022 शुरू हो रहा है। नए साल की शुरुआत के साथ ही बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड समेत कई नियम (Banking Rules) बदलने वाले हैं, जिसका सीधा असर आपकी जेब और खर्चों पर पड़ेगा।
New Rules from 1 January
एटीएम से पैसा निकालना होगा महंगा
आरबीआई के नए नियमों (RBI New Rules) के तहत ग्राहकों को निर्धारित सीमा के बाद एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। सभी बैंकों ने एटीएम (ATM) शुल्क में 5 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। यानी लिमिट खत्म होने के बाद आपको हर बार एटीएम से कैश निकालने पर 21 रुपये चुकाने होंगे। ग्राहक को जीएसटी अलग से देना होगा। वर्तमान में यह राशि 20 रुपये है।
डाकघर से पैसे निकालने के लिए अतिरिक्त शुल्क
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (India Post Payments Bank) ने घोषणा की है कि उसने 1 जनवरी से शाखा नकद निकासी और जमा पर शुल्क में संशोधन किया है। अब यदि कोई आईपीपीबी खाताधारक (IPPB Account Holders) निर्धारित मुफ्त सीमा को पार करने के बाद पैसे जमा करता है या निकालता है, तो उसे अधिक शुल्क देना होगा।
बचत खाते (Saving Account) और चालू खाते में 10,000 रुपये तक जमा करने के लिए किसी शुल्क की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर ग्राहक 10 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी करते हैं तो उन्हें 0.50 फीसदी चार्ज देना होगा, यह शुल्क न्यूनतम 25 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन होगा. वहीं, बचत और चालू खातों में हर महीने 25,000 रुपये तक की नकद निकासी मुफ्त होगी। इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर 0.50 फीसदी चार्ज देना होगा।
भुगतान का तरीका बदल जाएगा
भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों (RBI New Rules) के चलते डेबिट-क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन भुगतान के तरीके में भी बदलाव होगा। हालांकि पहले इसे 1 जनवरी 2022 से लागू किया जाना था, लेकिन व्यापारियों की मांग को देखते हुए आरबीआई ने इसे 30 जून 2022 से लागू करने का फैसला किया है।
दरअसल, ऑनलाइन खरीदारी करने वाले कई ग्राहक अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड की डिटेल ई-कॉमर्स वेबसाइट पर सेव कर लेते हैं। आरबीआई का नया नियम (RBI New Rule) इसे बदलने वाला है। डेटा लीक को रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
विवरण स्वचालित रूप से हटा दिया जाएगा
ई-कॉमर्स साइटों पर सहेजे गए कार्ड का विवरण 1 जनवरी, 2022 से स्वतः हटा दिया जाएगा। ऐसे में ग्राहकों को डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से भुगतान करते समय आपको हर बार उनका पूरा विवरण दर्ज करना होगा। खरीद करें।
टोकनाइजेशन: बार-बार विवरण भरने से बचने का एक नया तरीका
विवरण भरने के अलावा, आपको कार्ड के टोकन का विकल्प भी मिलेगा। डेबिट और क्रेडिट कार्डों (Debit Credit Card) का टोकनकरण मूल कार्ड विवरण को एक कोड से बदल देगा। इसे टोकन कहा जाएगा। यह टोकन कोड कार्ड के विवरण, टोकन का अनुरोध करने वाले व्यक्ति और जिस उपकरण से अनुरोध किया गया है, का एक संयोजन होगा। इस प्रक्रिया में आपको किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट पर कार्ड डिटेल्स को सेव करने के बजाय सिर्फ इस यूनिक टोकन को सेव करना होगा। इससे डाटा लीक होने का खतरा कम होगा।
आखिर ATM Transaction Fees के रूप में मूल्यवृद्धि क्यों की जा रही है. इसे ऐसे समझिए-इस साल एक अगस्त, 2021 से RBI ने बैंकों को वित्तीय ट्राजेक्शन के लिए प्रति लेनदेन इंटरचेंज शुल्क को 15 रूपए से बढ़ाकर 17 रूपए और गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शन के लिए प्रति लेनदेन शुल्क 5 रूपए से बढाकर 6 रूपए कर दिया है. RBI ने उच्च इंटरचेंज शुल्क और परिचालन लागत में वृद्धि होने के चलते बैंकों को उपभोक्ताओं से प्रति लेनदेन 21 रूपए का शुल्क वसूलने की मंजूरी दी है. इसी वजह से बैंकों ने फीस में बढ़ोतरी की है.
बदल जाएंगे गूगल के कई ऐप के नियम
1 जनवरी से गूगल पर ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) से जुड़े नियम बदल जाएंगे. यह बदलाव RBI के निर्देश पर किए जा रहे हैं. यदि आप गूगल के एप पर वीजा या मास्टरकार्ड से भुगतान करना चाहते हैं तो आपको अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड (Debit and Credit Card) की हर एक डालनी होगी. गूगल अब इन्हें सेव नहीं करेगा. अब टोकनाइजेशन सिस्टम (Tokenization System) के तहत पैसा लिया जाएगा.
अगर आपके पास RuPay, American Express, Discover या फिर Diners Card है और इनके जरिए पेमेंट करना चाहते हैं तो इस स्थिति में भी कार्ड की सारी जानकारी ऑनलाइन पेमेंट के दौरान फिर से भरनी होगी. यहां भी कार्ड सेव करने का विकल्प नहीं मिलेगा. दरअसल वॉलेट या UPI ऐप में सेव कार्ड से हो रही ठगी को रोकने के लिए RBI ने इस तरह के ऐप को कार्ड सेव करने के ऑप्शन को खत्म करके टोकनाइजेशन सिस्टम पर काम करने को कहा था.