Last Updated On December 28, 2021
CTET Hindi Language Practice SET 2021
CTET Hindi Practice SET 2021 : उत्तर प्रदेश में CTET की परीक्षा शुरू हो चुकी है CTET की लिखित परीक्षा ऑनलाइन माध्यम द्वारा कराई जा रही है, तथा UPTET की परीक्षा 28 नवंबर 2021 को आयोजित होने वाली थी लेकिन पेपर लीक हो जाने के कारण परीक्षा प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। अब इसकी परीक्षा 23 जनवरी 2022 को आयोजित होनी है। जिसकी तैयारी के लिए अभ्यर्थी बहुत मेहनत कर रहें हैं। वो छात्र CTET Hindi Practice SET 2021 के इन 30 प्रश्नों को जरुरु देख के जाएँ
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर, परिचित कराने ………. की प्रक्रिया पर बल दिया जाता है।
- लेखन प्रक्रिया से
- अलंकार व छंद में
- साहित्यिक विधाओं से
- पठन प्रक्रिया से
उत्तर : 3
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर व्याकरण सिखाने की किस विधि को आप सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी पाते हैं?
- निगमन विधि
- अनुवाद विधि
- पाठ्य पुस्तकीय विधि
- आगमन विधि
उत्तर : 4
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का उद्देश्य नहीं है
- भाषा के व्याकरणिक बिंदुओं की परिभाषाओं को जानना
- भाषा की बारीकी और सौन्दर्य को समझने की क्षमता का विकास
- विभिन्न साहित्यिक विधाओं की समझ का विकास
- निजी अनुभवों के आधार पर भाषा का सृजनशील प्रयोग
उत्तर : 1
प्रश्न : ‘भाषा की नियमबद्ध प्रकृति को पहचानना और उसका विश्लेषण करना।’ उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का ……
- उद्देश्य नहीं है।
- एकमात्र उद्देश्य है।
- उद्देश्य है।
- मुख्य उद्देश्य है।
उत्तर : 4
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों के भाषा विकास के लिए जरूरी है कि ……. समृद्धि का भाषा, ………… व अन्य विषयगत शिक्षण युक्ति में उपयोग किया जाए।
- कलात्मक, साहित्य
- भाषिक, साहित्य
- परिवेश, भाषिक
- साहित्य, कला
उत्तर : 2
प्रश्न : ‘उच्च प्राथमिक स्तर की हिन्दी भाषा की पाठ्य पुस्तकों में हिंदीतर भाषा को भी जगह मिलन चाहिए। – इस कथन का औचित्य नहीं है।
- हिंदीतर भाषा के साहित्य से परिचित कराना।
- हिंदीतर भाषाओं की रचना- शैलियों से परिचित कराना।
- भाषाओं के माध्यम से संवेदनाओं का विस्तार देना।
- हिंदीतर भाषियों के आक्रोश को शांत करना।
उत्तर : 4
प्रश्न : विद्यार्थियों की पढ़ने में रुचि जगाने एवं भाषा-ज्ञान में वृद्धि के लिए पाठ्य-पुस्तक के अतिरिक्त …….. ।
- पाठ्यचर्या सहगामी क्रियाओं का अधिकाधिक आयोजन किया जाना चाहिए।
- समाचार-पत्र, पोस्टर का निर्माण करवाया जाना चाहिए।
- पठन सामग्री विकसित की जा सकती है।
- शैक्षिक भ्रमण का अधिकाधिक आयोजन किया जाना चाहिए।
उत्तर : 3
प्रश्न : भाषा सीखने और भाषा अर्जित करने में मुख्य अंतर का आधार नहीं है
- स्वाभाविकता
- व्याकरण
- सहजता
- भाषाई परिवेश
उत्तर : 2
प्रश्न : “स्त्री को सौंदर्य का प्रतिमान बना दिया जाना ही उसका बंधन बन जाता है।’- इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए। भाषा की पाठ्य पुस्तक में इस प्रश्न को स्थान देने का क्या औचित्य है?
- स्त्री-बंधन की चर्चा करना।
- सौंदर्य प्रसाधनों का विरोध करना।
- भाषा को स्त्री विमर्श से जोड़ना।
- सौंदर्य प्रतिमान बनाना।
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘पाठ में ठिठियाकर हँसने लगी’ जैसा वाक्य आया है। ठिठियाना शब्द में ‘आना’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। ‘आना’ प्रत्यय बनने वाले चार सार्थक शब्द लिखिए।’ इस प्रश्न का स्वरूप ………. को पोषित करता है।
- सूत्र शैलीय व्याकरण
- संदर्भ में व्याकरण
- पाठ्य-पुस्तकीय व्याकरण
- प्रत्यय का समस्त ज्ञान
उत्तर : 2
प्रश्न : उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों के भाषायी आकलन की दृष्टि से सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न है
- बसंत ऋतु में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहता असहनीय क्यों हो जाता था?
- लेखिका को नीलकंट की कौन-कौन सी चेष्टाएँ बहुत भाती थीं?
- नीलकंठ की नृत्य-भंगिका को अपने शब्द-चित्र में प्रस्तुत कीजिए।
- मोर-मोरनी के नाम किस आधार पर रखे गए हैं?
उत्तर : 3
प्रश्न : भाषा अर्जित करने के संदर्भ में ………… सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है
- समृद्ध भाषा-परिवेश
- संचार माध्यमों का अधिक प्रयोग
- विद्यालयी परीक्षा-प्रक्रिया
- भाषिक पठन-सामग्री
उत्तर : 1
प्रश्न : आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली रूबीना लिखने में बेहद कठिनाई का अनुभव करती है। संभव है कि वह …………से ग्रसित हो।
- डिस्लेक्सिया
- भाषागत
- डिस्ग्राफिया
- डिस्केलकुलिया
उत्तर : 3
प्रश्न : हिंदी भाषा के विविध रूपों से परिचित कराने में
सर्वाधिक सहायक है।
- हिंदी भाषा का साहित्य व अन्य मुद्रित सामग्री
- हिंदी भाषा की पुस्तक व विज्ञापन
- भाषा की पत्रिका, व पाठ्य पुस्तक
- हिंदी भाषा के समाचार-पत्र व विज्ञापन
उत्तर : 1
प्रश्न : बहुभाषिक कक्षा में बच्चों की भाषाओं को स्थान देने के लिए आवश्यक है कि
- शिक्षक बच्चों को उनकी भाषाओं में ही व्यवहार करने के लिए कहे।
- शिक्षक बच्चों के मातृभाषा प्रयोग को स्वीकार करे।
- बच्चो की मातृभाषाओं में गीत – कविता सुने।
- शिक्षक बच्चों की भाषाओं का ही प्रयोग करे।
उत्तर : 2
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित आठ प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :
आज शिक्षा के क्षेत्र में भी बाजारीकरण हो जाने के कारण शिक्षा महँगी और गरीबों की पहुँच से बाहर हो चुकी है। एक ओर तो रुचि और उपयोगिता के अनुसार उपयुक्त शिक्षा पाने के लिए गरीबों के पास धन उपलब्ध नहीं है, तो वहीं जो सम्पन्न हैं उनके पास समय को अभाव है। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभरी है।
पिछले वर्ष देश के गरीब और स्कूल न जा सकने वाले बच्चों के लिए सरकार की ओर से प्रभावी कदम उठाते हुए ई शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत करते हुए ‘स्वयं डॉट जीओवी डॉट इन वेब पोर्टल की शुरुआत की गई है। इससे बच्चे ऑनलाइन शिक्षा पा सकेंगे और उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। इस की विशेषता यह है कि इससे छात्र मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग सहित | तमाम पाठ्यक्रमों की पढ़ाई घर बैठे कर सकेंगे। इससे छात्रों को घर बैठे ही सर्टिफिकेट और डिग्री भी हासिल होंगे, जो किसी भी विश्वविद्यालय में मान्य होंगे।
ऑनलाइन एजुकेशन के प्रति लोगों में बढ़ता उत्साह देखकर कहा जा सकता है कि भारत में इसका भविष्य उज्ज्वल है। यही कारण है कि अब अधिकतर शिक्षण संस्थान इस व्यवस्था को अपना रहे हैं। पढ़ाई का बढ़ता खर्च और किसी भी प्रोफेशनल कोर्स की डिग्री प्राप्त करने के लिए कॉलेजों का चुनाव प्रवेश परीक्षा और फिर एक साथ मोटी फीस चुकाना युवाओं की बढ़ती संख्या के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है। भारत में केवल बारह प्रतिशत छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश मिलता है। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा दन वाली कंपनियों के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार बन गया है। आज एक-दूसरे को समझने-जानने की जिज्ञासा भी लोगों में बढ़ी हुई देखी जाती है। ऐसे में किसी देश की भाषा सीखना आवश्यक हो जाता है क्योंकि भाषा सीखने से उस देश की संस्कृति तथा अन्य बातें समझी जा सकती हैं। इसलिए भारत के प्रति भी रुचि बढ़ी है और हिन्दी सीखने-सिखाने की माँग भी बढ़ी है। यह भारत के लिए, विशेषकर हिंदी भाषा के लिए शुभ संकेत है।
प्रश्न : आज शिक्षा गरीबों की पहुँच से बाहर होती जा रही है। इसका कारण है :
- गरीब आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाते।
- उपयुक्त व्यवस्था का सरकारीकरण हो गया है।
- बाजारीकरण के कारण शिक्षा महँगी हो गई है।
- गरीब अधिक गरीब होते जा रह हैं।
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था’ का तात्पर्य है
- घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा
- मैनेजमेंट, इंजीनियंरिग आदि की शिक्षा
- गरीब और साधनहीन लोगों के लिए शिक्षा
- किसी भी प्रकार के शुल्क से मुक्त शिक्षा
उत्तर : 2
प्रश्न : भारत के लिए शुभ-संकेत है
- शिक्षा का बाजारीकरण
- हिंदी सीखने-सिखाने की माँग बढ़ना
- निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था
- ऑलनाइन शिक्षा
प्रश्न : 4
प्रश्न : भारत में ऑनलाइन शिक्षा में निरंतर रुचि बढ़ने का उपयुक्त कारण नहीं है –
- अधिकतर शिक्षण संस्थान ऑनलाइन व्यवस्था अपना रहे हैं।
- महँगी होने के कारण पढ़ाई का खर्च बढ़ता जा रहा है।
- विश्व के अनेक देशों की भारत में रुचि बढ़ रही है।
- अधिकतर छात्रों को विश्वविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिलता।
उत्तर : 3
प्रश्न : भारत ऑनलाइन शिक्षा देने वाली कंपनियों बहुत बड़ा बाजार बन गया है, क्योंकि
- आज एक-दूसरे को समझने की जिज्ञासा बढ़ी है।
- ऑनलाइन शिक्षा पाने का फैशन युवक-युवतियों को आकर्षित करता है।
- लोगों को कोई कष्ट उठाए बिना डिग्री मिल जाती है।
- अधिकांश युवक किन्ही कारणों से विश्वविद्यालयी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
उत्तर : 4
प्रश्न : उत्पत्ति की दृष्टि से ‘ऑनलाइन’ और ‘शिक्षा’ शब्द है क्रमशः
- तद्भव, आगत
- तद्भव, तत्सम
- आगत, तत्सम
- तत्सम, तद्भव
उत्तर : 3
प्रश्न : ‘उपयोगिता’ शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय क्रमशः हैं
- उ, गिता
- उप, इता
- उप, ता
- ता, उप
उत्तर : 3
प्रश्न : गद्यांश में प्रयुक्त निम्नलिखित वाक्य को चार भागों में बाँटा गया है जिनमें से किसी एक भाग में अशुद्धि है। अशुद्ध भाग को पहचानकर चिन्हित कीजिए।
(i) आज एक दूसरे को
(ii) समझने-जानने की जिज्ञासा भी
(iii) लोगों में बढ़ी हुई
(iv) देखी जाती है।
- (ii)
- (iii)
- (iv)
- (i)
उत्तर : 1
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर गए निम्नलिखित सात प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चिन्हित कीजिए:
हमारे व्यावहारिक अथवा वास्तविक जीवन में भी यही सिद्धांत काम करता है कि हम समाज अथवा लोगों को जो देते हैं वही हमारे पास लौटकर आता है। हम लोगों से प्यार करते हैं तो लोग भी हमें प्यार करते हैं लेकिन यदि हम लोगों से घृणा करते हैं तो वे भी हमसे घृणा ही करेंगे इसमें संदेह नहीं। यदि हम सबके साथ सहयोग करते हैं अथवा ईमानदार बने रहते हैं तो दूसरे भी हमारे प्रति सहयोगात्मक और ईमानदार हो जाते हैं। इसे आकर्षण का नियम कहा गया है|
हम जैसा स्वभाव विकसित कर लेते हैं वैसी ही चीजें हमारी ओर आकर्षित होती हैं। गंदगी मक्खी को आकर्षित करती है तो फूल तितली को आकर्षित करते हैं। यदि हम स्वयं को फूल जैसा सुंदर, सुवासित, मसृण व रंगीन अर्थात् सुंदर गुणों से युक्त बना लेंगे तो स्वाभाविक है कि समाज में सुंदर गुणी व्यक्ति हमारी ओर आकर्षित होंगे ही।
यदि हम चाहते हैं कि हमारे संपर्क में केवल अच्छे लोग ही आएँ तो हमें स्वयं को उनके अनुरूप बनाना होगा- दुर्गुणों में नहीं, सद्गुणों में अपने व्यवहार को व्यवस्थित व आदतों को अच्छा करना होगा। अपनी वाणी को कोमल व मधुर बनाना होगा। केवल मात्र बाहर से नहीं, मन की गहराइयों में स्वयं को सुंदर बनाना होगा। यदि हम बाहरी रूप स्वरूप से नहीं, वरन मन से सुंदर बन पाते हैं तो विचार और कर्म स्वयं सुंदर हो जाएँगे। जीवन रूपी सितार ठीक बजने लगेगा। जीवन के प्रति सत्यम् शिवम् और सुंदरम् का आकर्षण बढ़ने लगेगा।
प्रश्न : निम्नलिखित शब्द युग्मों में उस युग्म को पहचानिए जो शेष से भिन्न हो
- सद्गुण – दुर्गुण
- सुंदर-असुंदर
- आकर्षण-विकर्षण
- रूप-स्वरूप
उत्तर : 4
प्रश्न : फूल और तितली का उदाहरण देकर लेखक सिद्ध करना चाहता है कि
- हमें जीवन को तितली जैसा बनाना चाहिए।
- भले लोगों को फूल और तितलियाँ प्रिय होते हैं।
- गुणी जनों को गुणवान ही आकर्षित करते हैं।
- तितली फूलों की ओर ही आकर्षित होती है।
उत्तर : 3
प्रश्न : अनुच्छेद के निम्नलिखित वाक्य को चार भागों में बाँटा गया है जिनमें एक भाग में अशुद्धि है। उस को पहचानिए
(i) “केवल मात्र बाहर से नहीं
(ii) मन की गहराईयों में
(iii) स्वयं को सुंदर
(iv) बनाना होगा।”
- (ii)
- (iv)
- (iii)
- (i)
उत्तर : 1
प्रश्न : अपने व्यवहार को व्यवस्थित और आदतों को अच्छा करने से क्या होगा?
- अच्छे लोग ही हमारे संपर्क में आएँगे।
- वाणी कोमल और मधुर हो जाएगी।
- दुर्गुण सद्गुणों में बदल जाएँगे।
- जीवन सुखी और संपन्न हो जाएगा।
उत्तर : 1
प्रश्न : लेखक द्वारा ‘आकर्षण का नियम’ किसे कहा गया है?
- फूल गुणवानों को आकर्षित करते हैं।
- अच्छा-बुरा स्वभाव वैसे ही लोगों को आकर्षित करता है।
- गंदगी मक्खियों को आकर्षित करती है।
- चुंबक लोहे को आकर्षित करती है।
उत्तर : 2
प्रश्न : फूल के लिए कौन-सा विशेषण अनुपयुक्त है?
- रंगीन
- मसृण
- आकर्षित
- सुवासित
उत्तर : 3
प्रश्न : हमारे व्यवहार और कार्य स्वयं ठीक हो जाएँगे यदि हम
- सुखी जीवन व्यतीत करें।
- सबसे अच्छा व्यवहार करें।
- बाहर से ही नहीं भीतर से भी अच्छे बनें।
- वीणा और वाणी से मथुर स्वर निकालें।
उत्तर : आप अनुमान लगायें
CTET Hindi Practice Set 2021